Saturday, 14 March 2009

पीयूष और कविता



पीयूष मृत्यु पर वरदान है
कविता जीवन का नाम है।
पीयूष शांति शीतलता है
कविता निश्छल निर्मलता है।
पीयूष शक्ति से ओत प्रोत है
कविता उसी शक्ति का स्रोत है।
पीयूष कविता का आधार है
कविता पीयूष का सार है।
पीयूष भले ही अपवाद है
पर कविता पीयूष का स्वाद है।
पीयूष विष पर जीत है
कविता मनमीत है।
पीयूष विचारों की खान है
कविता इनका उद्गम स्थान है।
पीयूष सत्य की कुछ बूँदे है
कविता स्वीकारती जिन्हें आँख मूँदे है।
पीयूष विस्तृत पर रिक्त आकाश है
कविता,रिक्तता की पूर्ति हेतु एक जीवित तलाश है।

पीयूष सिंह

3 comments:

  1. nice one............saari poems dalo........

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  2. upwaad piyush aur saar kavita good hai.

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