जो एक कमरे के घर में रहते हैं
उनके दिल अक्सर बड़े होते हैं
बातें पहले तो करते नहीं, और करी
तो बातों के पक्के बड़े होते हैं ।
दर से उनके खाली कोई नहीं जाता
जेबें खाली भले पड़ी हों, कुछ भी न हो देने को
पर दुआओं के धनी बड़े होते हैं ।
जो एक कमरे के घर में रहते हैं
उनके दिल अक्सर बड़े होते हैं ।
कमरे एक से दो भले न हो पायें
पर महलों के सपने बड़े होते हैं
सपना होगा सच, ये एक दिन
इसी कोशिश में बच्चे बड़े होते हैं ।
बच्चे भी शायद सब जान जाते हैं
नहीं कहेंगे चलने को मेले में, चुपचाप रहेंगे
इनके बच्चे भी कितने बड़े होते हैं ।
जो एक कमरे के घर में रहते हैं
उनके दिल अक्सर बड़े होते हैं ।
कोई इनका सगा हो न हो
पर ये सबके लिये खडे़ होते हैं
क्या बिगाड़ते हैं ये किसी का,
क्यों लोग इनके पीछे पड़े होते हैं ?
इसिलिये बडे़ कहते हैं शायद
गरीब को न सताओ, कोई नहीं जानता
भगवान किस रूप में खडे़ होते हैं ।
जो एक कमरे के घर में रहते हैं
उनके दिल अक्सर बड़े होते हैं ।
पीयूष सिंह
उनके दिल अक्सर बड़े होते हैं
बातें पहले तो करते नहीं, और करी
तो बातों के पक्के बड़े होते हैं ।
दर से उनके खाली कोई नहीं जाता
जेबें खाली भले पड़ी हों, कुछ भी न हो देने को
पर दुआओं के धनी बड़े होते हैं ।
जो एक कमरे के घर में रहते हैं
उनके दिल अक्सर बड़े होते हैं ।
कमरे एक से दो भले न हो पायें
पर महलों के सपने बड़े होते हैं
सपना होगा सच, ये एक दिन
इसी कोशिश में बच्चे बड़े होते हैं ।
बच्चे भी शायद सब जान जाते हैं
नहीं कहेंगे चलने को मेले में, चुपचाप रहेंगे
इनके बच्चे भी कितने बड़े होते हैं ।
जो एक कमरे के घर में रहते हैं
उनके दिल अक्सर बड़े होते हैं ।
कोई इनका सगा हो न हो
पर ये सबके लिये खडे़ होते हैं
क्या बिगाड़ते हैं ये किसी का,
क्यों लोग इनके पीछे पड़े होते हैं ?
इसिलिये बडे़ कहते हैं शायद
गरीब को न सताओ, कोई नहीं जानता
भगवान किस रूप में खडे़ होते हैं ।
जो एक कमरे के घर में रहते हैं
उनके दिल अक्सर बड़े होते हैं ।
पीयूष सिंह